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Jokes on Cricket : क्रिकेट शायरी

एक मैच की कहानी -         महेश कुमार सैनी ‘माही’ प्रस्तावना-  इस कविता में एक क्रिकेट मैच में एक बल्लेबाज खेलने के लिये मैदान पर जाता है। खेलते समय उसकी आँखों का संपर्क दर्शक दीर्घा में बैठी एक महिला से होता है। संपर्क के दौरान महिला के हावभाव देखकर वह अपने अनुसार अनुमान लगाता जाता है। उन्हीं का वर्णन इस कविता में किया गया है। यह कविता हास्य रस पर आधारित है। चूंकि यह मूल रूप से हिन्दी भाषा में है, लेकिन इस रोचक बनाने के लिये क्रिकेट शब्दावली व खिलाड़ियों के नामों का प्रयोग किया गया है। ना ये क्रिकेट होता, ना ये पिच विकेट होता खेल में हार जीत का ना कोई भेद होता। मैच के दौरान मुझे एक लड़की नजर आई। मैने नोबॉल पर अपनी विकेट गँवाई। वह मुझे देखकर मुस्कराने लग गई। जैसे वाइड़ बॉल पर बाउन्ड्री लग गयी।। लड़की की भी यार क्या वेस्ट  थी। उसके आगे तो भज्जी की फिरकी भी वेस्ट थी। मैं खेलता हुआ उसका दीदार करने लग गया। आँखो के साथ स्कोर में भी प्लस चार करता गया।। वह लड़की मेरे मन में बस गयी थी। हमारी जोड़ी वीरू-गौती की तरह जम गयी थी। अब तो बस उसके द्वारा फर्